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क्या है तिरुपति बालाजी में बाल दान करने के पीछे का रहस्य

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तिरुपति बालाजी में बाल दान

दोस्तों, आप में से कई लोगों ने तिरुपति बालाजी के मंदिर में बाल दान किये होंगे, पर क्या आप जानते है ऐसा क्यों किया जाता है? बाल दान से कैसे पुण्य की प्राप्ति होती है? क्या व्यापार की दृष्टि से भी इसका कोई फायदा है?

दरअसल, ऐसी मान्यता है, जो भी व्यक्ति पूरे श्रद्धा भाव से तिरुपति बालाजी में अपने बालों का दान करता है, उस भक्त को भगवान, उससे 10 गुना ज्यादा धन वापस लौटाते हैं। मान्यता है कि व्यक्ति अपने बालों के रूप में अपने पापों और बुराइयों का भी दान कर देता है। जिससे वेंकटेश्वर प्रभु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा भी उनपर बनी रहती है। आपको बता दें इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है, जो कि काफी प्रचलित है।

कथा की माने तो प्राचीन काल में भगवान बालाजी की मूर्ती पर रोज एक गाय अपना सारा दूध गिरा कर चली जाया करती थी। जिसकी वजह से वहां चींटियों का पहाड़- सा बन गया था। एक दिन ये बात गाय के मालिक को पता चल गयी और उसे बहुत गुस्सा आया। एक दिन वो आदमी उसी समय वहां पर पहुंच गया, जब गाय उस मूर्ति पर दूध गिरा रही थी। गुस्से में उसने न आव देखा न ताव और कुल्हाड़ी से उस गाय की हत्या कर दी। वो गाय तो मर गई लेकिन, कुल्हाड़ी का कुछ हिस्सा भगवान के सिर पर लग गया, जिसकी वजह से उनके सिर के बाल भी वहां से गिर गये।

बालाजी की मां नीला देवी को ये बात बिल्कुल अच्छी नहीं लगी। उन्हें लगा कि ये उनके बेटे का अपमान है, इसलिए उन्होंने अपने सिर के कुछ बाल निकाल कर भगवान के सिर पर लगा दिया। इस तरह बालाजी का घाव भी भर गया और उनके बालों की सुंदरता पर कोई आंच भी नहीं आयी।

वहीं दूसरी तरफ बाला जी की मां के सिर से खून बह रहा था, क्यों कि उन्होंने अपने सिर के बाल अपने बेटे को दे दिये थे। जब बाला जी ने देखा कि उनकी मां के सिर से खून बह रहा है, तब उन्होंने उनसे कहा जो बाल एक स्त्री की सुंदरता को और अधिक बढ़ा देते हैं, आपने मेरे लिए उन्हीं का त्याग कर दिया। आज से जो भी व्यक्ति, चाहे वो स्त्री हो या पुरुष युवा हो या वृद्ध इस जगह पर मेरे लिए अपने बालों का त्याग करेगा, उसकी मैं हर इच्छा पूरी करुंगा। तब से लेकर आज तक भक्त अपने बालों को बालाजी मंदिर में दान करते आ रहें है। बता दें, इस मंदिर के पास ही नीलादरी पर्वत भी है, जिसपर माता नीला देवी का मंदिर स्थित है।

वहीं दूसरी कथाओं की माने तो नीला देवी भगवान विष्णु की तीन पत्नियों में से एक बतायी जाती है और कहीं- कहीं पर नीला देवी को गंधर्व राजकुमारी भी बताया जाता है।

अब आपको बतातें है व्यापार की दृष्टि से ये इतना महत्वपूर्ण क्यों है?

आपको बता दें, दान किए गए बालों की नीलामी की जाती है, जिसमें देश- विदेश के लोग हिस्सा लेते है और इससे करोड़ों रुपये का लाभ होता है। क्यों कि ज्यादातर इन बालों का उपयोग विग बनाने में किया जाता है, जिसकी अंतराष्ट्रीय बाज़ार में बहुत डिमांड रहती है।

तिरुपति बला जी के इस मंदिर में हर साल देश-विदेश से आने वाले भक्तों द्वारा लगभग 500 से 600 टन बाल दान किए जाते हैं। जिसके लिए वहां 500 से भी ज्यादा नाई बैठते है, सबसे पहले इन सभी बालों को साफ किया जाता है। जिसके लिए इन कटे हुए बालों को पहले उबाला जाता है, फिर इसे अच्छे से धोया जाता है और फिर सुखाने के बाद ये सभी बाल तय किये गए तापमान में स्टोर करके रखे जाते है, फिर उन्हें अलग-अलग केटेगरी के अनुसार वेबसाइट पर बेचा जाता है। इन बालों की ऑनलाइन नीलामी तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम द्वारा ही आयोजित की जाती है।  

आपको ये जानकारी कैसी लगी हमें जरुर बतायें। अगर आप इसका वीडियो देखना चाहते है, तो दिये गये लिंक पर क्लिक कर के देख सकते हैं।

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