जैन मंदिर सोनागिर दतिया से पांच किलोमीटर दूर पहाड़ियों पर स्थित है | यह मंदिर ग्वालियर से पचास व झाँसी से चालीस किलोमीटर की दुरी पर स्थित है | सोनागिरी जिसका मतलब स्वर्णिम शिखर होता है | यह बने मंदिर दिगम्बर जैन से जुड़े हुये है | दिगम्बर जैन के अनंग कुमार ने इस जगह पर मोछ प्राप्ति के लिए यहाँ जन्म मरण चक्र से मुक्ति पाई थी | इसी जगह पर ही 8 वे तीर्थंकर चंद्रप्रभा स्वामी ने यहाँ पर 17 बार समवशरण किया था |
इसी कारण यहाँ दूर दूर से लोग घुमने व दर्शन के लिए आते हैं | क्युकी कई जैन मुनियों ने यहाँ पर मोछ की प्राप्ति की है | यह सबसे अधिक प्रसिद्ध मंदिर चंद्प्रभ भगवान का है | इस मंदिर में स्थित प्रतिमा 17 फिट ऊंची है | दोस्तों यदि आप सोनागिर नामक पवित्र स्थान के बारे में जनाना चाहते है | तो यह लेख पूरी तरह आपके लिए ही बनाया गया है | इस लेख में आपको सोनागिर जैन मंदिर की आस्था व इससे जुडी कथाओं के बारे में बताया जायेगा | तो आइये जानते विस्तार से…
इस मंदिर की मान्यता
जैन मंदिर सोनागिर पहाड़ियों के बीच में स्थित है सोनागिर के इस गाव 108 मंदिर स्थित है | जिनकी अपनी अलग ही पहचान है इसी वजह से यहाँ दूर दूर से लोग घुमने व दर्शन के लिए आते है | यहाँ स्थित सभी मंदिरों का निर्माण तीसरी शताब्दी में किया गया था | यहाँ बने मंदिर बहुत विशाल व भव्य है यहाँ हर दिन जैन धर्म की ओर से विशेष पूजा-अर्चना व प्रवचन किये जाते है | जिसको सुनकर आपके मन को बहुत शांति प्राप्त होती है यहाँ प्रतिदिन कई सारे जैन मुनि साधना में लीन रहते है | जिनको देखने के लिए कई सारे जैन श्रद्धालु दूर दूर से इनको देखने व शिक्षा लेने के लिये आते है | आप भी मन की शांति व ज्ञान के लिए यहाँ आ सकते है | दोस्तों आइये जानते है, इस मंदिर के खुलने का समय के बारे में
मंदिर खुलने का समय
जैन मंदिर के खुलने का समय सुबह चार बजे है यहाँ सुबह से ही सभी जैन मुनि अपनी साधना में लींन हो जाते है और यह साधना देर रात तक चलती रहती है | जब यहाँ जैन मुनि साधना करते है तो यहाँ घुमाने आये व्यक्तियों को किसी भी प्रकार का कोई शोर नही करने दिया जाता है व जैन मुनियों की फोटो भी नही लेने दी जाती है |
मनाया जाने वाला पर्व
यहाँ स्वामी महावीर जी की जयंती बहुत ही धूम धाम से मनाई जाती है | इस दिन बहुत दूर दूर से लोग यहाँ होने वाली रथ यात्रा को देखने के लिए आते है | महावीर जयंती के दिन दिगंबर जैन व श्वेतांबर जैन के जैन मुनि 24 जैन तीर्थंकरों की रथ यात्रा में सामिल होकर इस यात्रा को और भी खुबसूरत व भव्य बनाते है | इसी कारण इस दिन यहाँ दूर दूर से लोग इस यात्रा को देखने के लिए व इस यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आते है |
रुकने की जगह
यदि आप सोनागिर आता चाहते है और यहाँ रुकने के बारे में सोच रहे है | तो आपको इस बात की चिंता करने की जरूरत बिलकुल भी नही है | यहाँ कई होटल व कई जैन समाज की कई धर्मशाला स्थित है | जिसमे आपको सभी प्रकार की सुविधा प्रदान की जाती है |
पहुँचने का तरीका
सड़क मार्ग के द्वारा
यदि आप अपने निजी वाहन से यहाँ आना चाहते है | तो आपको सबसे पहले मध्य प्रदेश के दतिया जिले में आना चाहिये उसके बाद आप आसानी से सोनागिर मंदिर तक पहुँच सकते है | दतिया से सोनागिर केवल पांच किलोमीटर की दुरी पर सोनागिर, मध्य प्रदेश 475685 पर है |
हवाई मार्ग के द्वारा
आप आसानी से हवाई मार्ग के द्वारा भी यहाँ प्रस्थान कर सकते है | सोनागिर के सबसे नजदीक हवाई अड्डा ग्वालियर में है | आप ग्वालियर में उतरकर बस स्टेंड से बस के द्वारा यहाँ आसानी से आ सकते है |
ट्रेन के द्वारा
ट्रेन के द्वारा भी आप आसानी से यहाँ आ सकते है | ट्रेन के द्वारा यहाँ आने के लिए सबसे पहले आपको झाँसी स्टेशन आना पड़ेगा | उसके बाद आप झाँसी से सोनागिर ट्रेन पकड़कर यह स्थित मंदिरों के दर्शन कर सकते है |