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किस पाप के कारण किस योनि में होगा आपका अगला जन्म

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हिंदू धर्मग्रंथों में आत्मा को अजर अमर माना गया है। हिन्दु धर्म पुनर्जन्म में विश्वास करता है यानी इंसान के मृत्यु को प्राप्त हो जाने के बाद भी आत्मा जीवित रहती है। धर्मग्रंथों में बताया गया है की इंसानों के मरने के बाद आत्मा उस शरीर को उसी तरह छोड़कर नए शरीर में प्रवेश करती है जिस तरह हम अपने पुराने वस्त्र उतारकर नए वस्त्र पहन लेते हैं। आत्मा को ये नया शरीर पृथ्वी पर मौजूद 84 लाख योनियों में से किसी भी योनि में मिल सकता है। अगर आप जानना चाहते हैं की आप अगले जन्म में किस योनि में जन्म ले सकते हैं तो इस लेख को पढ़ें।

मित्रों जो भी जीव इस मृत्युलोक में जन्म लेता है उसका मृत्यु के बाद पुनर्जन्म होना तय है। कहते हैं की इंसान का जन्म उसके कर्मो के हिसाब से ही होता है और मृत्यु भी उसके कर्म पूरे भोगने पर ही होती है। वर्तमान जीवन में किये गए कर्म के आधार पर ही उसका अगला जन्म 84 लाख योनियों में से किसी एक योनि में होता है।

गरुड़ पुराण के अनुसार

गरुड़ पुराण के अनुसार जब अजन्मा शिशु माता के गर्भ में 9 महीने तक रहता है तो वह हर समय ईश्वर से यह प्रार्थना करता है कि ‘मुझे यहां से बाहर निकालोगे तो मैं जीवन भर आपका नाम जपता रहूंगा। लेकिन फिर जन्म लेने के बाद वह सब भूल जाता है और अपने भौतिक कर्मों में लग जाता है। वह संसार की मोह माया में कुछ ऐसा उलझ जाता है की परमपिता परमेश्वर के लिए उसके पास समय ही नहीं बचता।

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गरुड़ पुराण में कई तरह के पापों और उससे जुडी सजाओं के बारे में बताया गया है। ऐसा माना जाता है की मृत्यु के पश्चात् नरक में सजा भगतने के पश्चात् फिर उसका किसी योनि में जन्म होता है। गरुड़ पुराण में बताया गया है की जो मनुष्य परायी स्त्री से संबंध बनाता है उसे नर्क में जाना पड़ता है। यहां उसे कई दण्ड भोगने पड़ते हैं और इस सबके बाद उसे एक के बाद एक विभिन्न जन्म मिलते हैं। वह सबसे पहले भेड़िया बनता है और फिर एक कुत्ते के रूप में जन्म लेता है। इसके बाद वह सियार, गीद्ध, सांप, कौआ बनता है। इन सभी जन्मों को भोगने के बाद अंत में वह बगुले का जन्म प्राप्त करता है, जिसे समाप्त करने के पश्चात ही उसे मनुष्य योनि की पुनः प्राप्ति होती है।

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साथ ही जो मनुष्य किसी स्त्री के साथ जबरदस्ती सम्बन्ध बनता है या फिर उसका बलात्कार करता है तो उसे भी नर्क भोगने और कई योनियों में जन्म लेने के बाद मनुष्य योनि में उसका जन्म किन्नर के रूप में होता है। इसके अलावा गरुड़ पुराण में ये भी बताया  गया है की जो व्यक्ति अपने बड़े भाई का अपमान करता है, समाज के सामने उसे नीचा दिखाता है, अगले जन्म में वह व्यक्ति एक कौंच नाम के पक्षी के रूप में जन्म लेता है। इस जन्म को वह इंसान 10 वर्षों तक भोगता है और इसके ही उसे अगले जन्म में मनुष्य योनि मिलती है।

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गरुड़ पुराण के अनुसार सोना या पैसे की चोरी करने वाले व्यक्ति को कीड़े के रूप में जन्म मिलता है। जो व्यक्ति चांदी के सामान की चोरी करता है, वह कबूतर बनता है। इसके अलावा जो व्यक्ति किसी के वस्त्रों की चोरी करता है, उसे अगले जन्म में तोता बनकर जन्म लेना होता है। सुगंधित पदार्थों की चोरी करने वाला व्यक्ति छछूंदर के रूप में जन्म लेता है। किंतु यदि अपराध चोरी से बड़ा हो तो योनि और भी भयंकर प्राप्त होती है। साथ ही जो व्यक्ति किसी हथियार से किसी की जान लेता है उसे गधे की योनि में जन्म लेना पड़ता है। उसके बाद वह हिरण की योनि में पैदा होता है। फिर वह मछली, कुत्ता, बाघ और फिर उसके बाद मनुष्य योनि को प्राप्त होता है।

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देवताओं और पितरों को संतुष्ट किए बिना मरने वाला व्यक्ति सौ वर्षों तक कौए की योनि में रहता है। इसलिए कहा जाता है कि श्राद्ध कराते समय कौए को अवश्य भोजन कराएं, ताकि पितृगण संतुष्ट हो जाएं। लेकिन अगर यह ना किया जाए तो अगला जन्म कौए के रूप में मिलता है। उसके बाद बाद मुर्गा और फिर एक महीने के लिए सांप की योनि में रहने के बाद ही उसके पापों का अंत होता है और उसे मनुष्य के रूप में जन्म मिलता है।

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इसके आलावा गरुड़ पुराण में इस बात का भी वर्णन मिलता है की इंसान का अगला जन्म उसकी चाहत और प्रवृति के आधार पर भी निश्चित होता है। यानी आपकी चाहत व प्रवृत्ति के आधार पर ईश्वर अगले जन्म में आपको उसी के अनुकूल शरीर देती है। मान लीजिए अगर आपकी चाहत लगातार कुछ न कुछ खाने की रहती iहै और आप भोजन के बारे में सोचते रहते हैं तो अगले जन्म में हो सकता है कि आप पालतू सुअर बन कर जन्में, जो हर वक्त खाता रहता हो।

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इस लिए मित्रों यदि आप पुनः मनुष्य की योनि में जन्म लेना चाहते हैं या फिर जीवन मृत्यु के इस चक्र से मुक्त होना चाहते हैं तो इस जन्म में अच्छे कर्म करें और धार्मिक आदतें अपनाएं ताकि आपको ईश्वर का सानिध्य प्राप्त हो सके।

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