कंदरिया महादेव मंदिर मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में खजुराहो शहर में स्थित भगवान शंकर का करीब 1000 साल पुराना प्राचीन भव्य मंदिर | कंदरिया महादेव के इस मंदिर को चतुर्भुज मंदिर के नाम से भी जाना जाता है | कंदरिया का अर्थ गुफा और महादेव यानी के महान देवता भगवान शंकर इस मंदिर के गर्भगृह में महादेव शिवलिंग के रूप में विराजमान है | इस मंदिर का निर्माण 1030 के लगभग चंदेल वंश के राजा विद्याधर के द्वारा कराये जाने के प्रमाण मिलते हैं |
कंदरिया महादेव मंदिर –
मंदिर को 13 फीट ऊँचे चबूतरे पर बलुआ पत्थरों को आपस में जोड़कर बनाया गया है | इन पत्थरों पर उत्क्रष्ट नक्काशी का भव्य स्वरुप देखने को मिलता है | कंदरिया महादेव के मंदिर पर महिलाओं के 900 से ज्यादा चित्र बनाये गए हैं, जिसमे से कुछ चित्र 3 फीट से भी बड़े हैं | कंदरिया महादेव के मदिर का भ्रमण करने के लिए अक्टूबर से फरबरी का मौसम बहुत अच्छा होता है | गर्मियों के मौसम में यहाँ भ्रमण करने से यहाँ की गर्मी से आपकी यात्रा किरकिरी हो सकती है |
मंदिर का इतिहास –
खजुराहो में निर्मित मंदिरों के पश्चिमी समूह में कंदरिया महादेव मंदिर सबसे विशाल व सरंक्षित भव्य मंदिर है | इसकी भव्यता को देखते हुए इसे UNESCO के द्वारा 1986 में इसे विश्व विरासत स्थलों में भी शामिल किया गया है | वहीँ अगर मुस्लिम इतिहासकार इब्न अल ताहिर की माने तो मंदिर का निर्माण करवाने वाले चंदेल वंश के राजा विद्याधर एक बहुत ही पराक्रमी और शक्तिशाली राजा थे | राजा ने 1019 में गजनी के आक्रमणकारी महमूद गजनवी के साथ युद्ध किया था जिसमे गजनवी हार कर चला गया | इसके बाद राजा ने 1022 में गजनवी से फिर युद्ध किया और विजय के रूप में कंदरिया महादेव मंदिर का निर्माण करवाया था |
मंदिर परिसर –
कंदरिया महादेव मंदिर बड़े बड़े ऊँचे टावर और स्तंभों से मिलकर 13 फीट ऊँचे चबूतरे पर बना लगभग 2.3 वर्ग मील में फैला लगभग 33 मीटर ऊँचा खजुराहो का सबसे ऊँचा मंदिर है | मंदिर का प्रथम भाग यानी की प्रवेश द्वारा आयताकार आक्रति का है इसके बाद एक खंबो बाला मंडप इसके बाद अंधेरे में गर्भगृह बना हुआ है | गर्भगृह के अंदर शंकर भगवान की संगमरमर से निर्मित शिवलिंग स्थापित है | इस मंदिर परिसर में हिन्दू और जैन धर्म के देवी देवताओं के 85 मंदिर बने हुए हैं | इसी मंदिर के परिसर के अंदर मतंगेश्वर और विश्वनाथ मंदिर भी बने हुए हैं |
मंदिर का समय व प्रवेश शुल्क –
कंदरिया महादेव का मंदिर बारह महीने और सातो दिन आपके लिए खुला रहता है | मंदिर सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम को 4 बजे से 9 बजे तक खुला रहता है | मंदिर में दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक प्रवेश बंद कर दिया जाता है | मंदिर में किसी भी प्रकार से फोटो खींचना मना है | मंदिर में प्रवेश के लिए आपको 10 रुपए का शुल्क देना पड़ता है | 15 वर्ष से ऊपर के बच्चों का किसी भी प्रकार का प्रवेश शुल्क नहीं लिया जाता है | विदेशी पर्यटकों को 250 रुपए का शुल्क अदा करन होता है |
प्रमुख त्यौहार –
खजुराहो में प्रतिवर्ष फरवरी के अंतिम सप्ताह से मार्च के प्रारंभ तक एक डांस फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है | इस कार्यक्रम में दूर दूर से आने वाले नर्तक और नार्तिकाओं द्वारा भाग लिया जाता है | इस कार्यक्रम में आप भारतनाट्यम, कुचिपुड़ी, मडीपुरी, ओडिसी जैसे भारतीय नृत्य कलाओं का आनंद ले सकते हैं | कंदरिया महादेव के मंदिर में शिवरात्रि का त्यौहार बहुत धूम धाम और हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाता है इस दिन दूर दूर से भक्त दर्शन और प्राथना करने आते हैं | इसके अलावा यहाँ पर होली, दशहरा और दीपावली का त्यौहार भी बहुत धूम धाम से मनाया जाता है |
दर्शनीय स्थल –
खजुराहो में आप कंदरिया महादेव मंदिर के अलावा आसपास के कुछ और दर्शनीय स्थलों का भी भ्रमण कर सकते है, जो निम्न प्रकार है :
- लक्ष्मी और वराह मंदिर
- लक्ष्मण मंदिर
- चौसठ योगिनी मंदिर
- जवारी मंदिर
- ब्रह्मा मंदिर
- हनुमान मंदिर
- विश्वनाथ मंदिर
- मतंगेश्वर मंदिर
- नंदी मंदिर
- पाशर्वनाथ मंदिर
आवागमन –
कंदरिया महादेव के मंदिर आने के लिए आप हवाई, रेल और सडक तीनो मार्गो से सफ़र कर सकते हैं :
हवाई मार्ग द्वारा – खजुराहो आने के लिए आपके लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट खजुराहो है यहाँ देश के प्रमुख शहरों से नियमित उड़ानों की व्यवस्था है |
रेल मार्ग द्वारा – कंदरिया माहादेव से 5 किमी दूर खजुराहो रेलवे स्टेशन सबसे नजदीक स्थित है | यह स्टेशन देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुडा हुआ है |
सडक मार्ग द्वारा – खजुराहो के लिए देश के प्रमुख शहरों से बस की सुविधा उपलब्ध है आप सड़क मार्ग द्वारा भी आसानी से खजुराहो पहुँच सकते हैं |