खजराना गणेश मंदिर इंदौर में बना हुआ पूरी दुनिया में विखाय्त एक प्राचीन मंदिर है इस मंदिर का निर्माण रानी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा सन 1735 के लगभग माना जाता है |
खजराना गणेश मंदिर हिन्दू धर्म के देवता भगवान् गणेश जी को समर्पित करकर बनबाया गया है | इस मंदिर में प्रतिदिन हजारो की संख्या में भक्तो का आना जाना लगा रहता है | मान्यता है की इस मंदिर में आकर भक्तो द्वारा मांगी जाने बाली सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है जिसकी बजह से हिन्दू धर्म के भक्तो में यह मंदिर बहुत ही विख्यात है और देश विदेश से भी लोग यंहा पर दर्शन करने को आते रहते हैं |
गणेश मंदिर खजराना –
इस गणेश मंदिर में हर बुधवार और रविवार को इस मंदिर में श्रद्धालु बहुत ही अधिक संख्या में आते है क्योंकि इस मंदिर में दर्शन के लिए बुधवार और रविवार का विशेष महत्व होता है | इस मंदिर में प्रमुख पर्व के रूप में विनायक चतुर्थी का त्यौहार बहुत धूम धाम से मनाया जाता है जो भगवान् गणेश के सम्मान में आयोजित किया जाता है | इंदौर आने बाले पर्यटकों के लिए यह मंदिर विशेष आकर्षण का केंद्र होता है | इस मंदिर में भगवान् गणेश को प्रसाद के रूप में मोदक का भोग लगाया जाता है |
पूरे विश्व में यह गणेश मंदिर मंदिर सिर्फ एक ऐसा मंदिर में जिसमे भगवान् गणेश की पीठ पर उल्टा स्वास्तिक बनाने से मनोकामना पूरी हो जाती है | तो आइये
खजराना गणेश मंदिर के बारे में थोडा विस्तार से जानते हैं…
मंदिर की स्थापना –
गणेश मंदिर खजराना के स्थापना से जुडी यह मान्यता है की गणेश भगवान् ने इस स्थान के पास में निवास करने बाले ब्राह्मण मंगल भट्ट को स्वप्न दिया था की इस जगह पर मंदिर का निर्माण करवाया जाए | मंगल भट्ट जी ने अपने इस स्वप्न के बारे में सभी को बताया और जब यह बात रानी अहिल्याबाई होलकर को पता चली तो उन्होंने इस स्वप्न को बहुत गंभीरता से लेते हुए इस स्थान पर खुदाई प्रारंभ करबायी तो इस जगह पर स्वप्न के अनुसार ही गणेश भगवान् की प्रतिमा प्राप्त हुई | इसके बाद इस जगह पर गणेश भगवान् के भव्य मंदिर का निर्माण करवाया गया | इस मंदिर में आने बाले सभी भक्तो की सभी मनोकामनायें पूरी हो जाती है जिससे आज के समय में यह मंदिर बहुत ही अधिक प्रशिद्ध है |
इस के साथ ही एक मान्यता / कथा बहुत अधिक सुनने को मिलती है की जब सन 1735 में भगवान् गणेश ने मंगल भट्ट जी को स्वप्न में इस जगह के बारे और मंदिर का निर्माण के बारे में बताया था | स्वप्न में आने के बाद भगवान गणेश जी एक कलश में प्रकट हुए थी इसी जगह पर इसके बाद पूरे विधि विधान से उनकी स्थपना की गई और विशाल मंदिर का निर्माण करवाया गया तभी से यंहा आने बाले हर भक्त की मनोकामना पूरी होती है |
मंदिर परिसर –
खजराना गणेश मंदिर इंदौर का पूरी दुनिया में विख्यात एक भव्य मंदिर है यंहा पर भगवान् गणेश जी की मूर्ति केवल सिंदूर द्वारा ही निर्मित है | भगवान् गणेश जी के साथ ही यंहा पर कुल मिलाकर 33 और देवी देवताओं के छोटे बड़े मंदिर बने हुए हैं | यंहा पर गणेश जी के अलावा माता दुर्गा, जमींन के अंदर महाकालेश्वर शिवलिंग, गंगा जी की मगरमच्छ के ऊपर जलधारा मूर्ति, महालक्ष्मी मंदिर, भगवान् राम का मंदिर, हनुमान जी का मंदिर, राधाकृष्ण का मंदिर, शनि देव का मंदिर, सांई बाबा का मन्दिर आदि बने हुए है |
मंदिर के परिसर में ही एक पीपल का प्राचीन और विशाल पेड़ लगा हुआ है माना जाता है की यह इच्छा पूर्ति वृक्ष है जो सभी की मनोकामनाओं को पूरा करता है | इतने सारे देवी देवताओं के मंदिर होने की वजह से यंहा पर आने पर आपको एसा महसूस होता है की आप देवलोक में भ्रमण कर रहे हों | एक सर्वे के अनुसार इस मंदिर में प्रतिदिन 10,000 से ज्यादा भक्त दर्शन करने आते हैं |
पूरी होती है मनोकामना –
इंदौर के खजराना का गणेश मंदिर से जुडी सबसे बड़ी बात यही है की यंहा आने बाले हर भक्त की मनोकामना पूरी हो जाती है | किसी भी तरह की मनोकामना के लिए भगवान् गणेश की पीठ पर उल्टा स्वास्तिक बनाना होता है और आपकी मनोकामना पूरी हो जाती है | जब आपकी मनोकामना पूरी हो जाती है उसके बाद आपको यंहा आकर सीधा स्वास्तिक बनाना होता है | इसके साथ ही मनोकामना की पूर्ती के लिए इस मंदिर के परिसर में धागा बाँधने की मान्यता भी प्रचलित है | जब आपकी मनोकामना पूरी हो जाती है तो उस धागे को खोल देना होता हो |
दर्शन का समय –
यह गणेश मंदिर भक्तों के लिए सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक और शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है । मंदिर में आरती सुबह 08:30 से 9 बजे तक और रात में आरती 08:00 से 08:40 बजे तक होती है |
रुकने की व्यवस्था –
आप अगर इस मंदिर के पास रुकना चाहते है तो कई सारे अच्छे होटल यंहा बने हुये हैं जिनमे ठहरने की उत्तम व्यवस्था है |
आसपास घूमने लायक स्थान –
इंदौर से कुछ दूरी पर ही उज्जैन नगरी जंहा भगवान् शिव का महाकालेश्वर मंदिर स्थित है, मांडू और भी कई जगह इसके आसपास घूमने लायक है | इसके अलावा आप कुछ और दर्शनीय स्थलों का भ्रमण भी कर सकते हैं :
- लालबाग महल
- राजवाडा
- कांच मंदिर
- बड़े गणपति
- अन्नपूर्णा मंदिर
- पातालपानी झरना
- पिपलिया पार्क
- इस्कोंन मंदिर
- बीजासेन टिकरी
- राड़ामंडल वन्यजीव उद्धान
- इंदौर संग्रहालय
- मोहाड़ी झरना
- टिंचा झरना
- बमनिया कुंड
- धर्मपुरी
- चोरल डैम
- हनुवंतिया
मंदिर तक पहुँचने का तरीका –
सड़क मार्ग से –बुधनिया जगह इंदौर से लगभग 13 किमी दूर है । इसलिए मंदिर तक पहुँचने के लिए आपको बसें, ऑटो-रिक्शा और टैक्सियाँ लगभग हर समय मिल सकती है |
रेल मार्ग द्वारा –मंदिर से 3 किमी की दूरी पर ही सबसे निकटतम रेलहेड इंदौर जंक्शन स्थित है ।
वायु मार्ग द्वारा – मंदिर से 9 किमी की दूरी पर स्थित सबसे निकटतम हवाई अड्डा देवी अहिल्याबाई होल्कर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थित है |