ओरछा मंदिर भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है | इस मंदिर को श्री राम राजा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है | यह मंदिर मध्य प्रदेश के नवाडी जिले के ओरछा नामक स्थान में बेतवा नदी के किनारे बसा हुआ है | इस मंदिर में भगवान राम को भगवान नही बल्कि राजा के तौर पर पूजा जाता है | इसी कारण इस मंदिर में सूर्योदय व सूर्यास्त के समय मध्य प्रदेश पुलिस के जवान सलामी देते है | और रोजाना पांचों पहर भगवान राम को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है | इस मंदिर की आरती का समय सुबह 8 बजे व शाम की आरती का समय 7 बजे है |
राम राजा मंदिर ओरछा
राम राजा मंदिर में आरती व पूजा की परम्परा महारानी गणेश कुंवरि के समय अनुसार ही यथावत होती चली आ रही है | इस मंदिर में VIP सुविधा भी मौजूद है | आप केवल 151 रूपए देकर भगवान राम के दर्शन बहुत ही आसानी से कर सकते है | श्री राम भगवान के प्रसाद के लिए आपको केवल साठ रूपए की प्रसाद की थाली लेनी पड़ती है | उस प्रसाद में भगवान राम को चढ़ाई जाने वाली सभी सामग्री मौजूद होती है | यह थाली आप मंदिर के आस पास किसी भी दुकान से खरीद सकते है | दोस्तों आइये जानते है इस मंदिर के बारे में विस्तार से |
मंदिर खुलने का समय
श्री राम राजा मंदिर का खुलने का समय सुबह आठ बजे से शाम सुबह साढ़े दस बजे तक खुला रहता है | इसके बाद शाम को आठ बजे के बाद रात्रि साढ़े दस बजे तक दोबारा खोला जाता है | दर्शन के समय आपको बेल्ट व पर्श को निकाल दिया जाता है |
मंदिर से जुडी मान्यता
अगर इस मंदिर के इतिहास के बारे में बात करे तो इस मंदिर की शुरुआत 8वीं शताब्दी में ही गुर्जर प्रतिहार सम्राट मिहिर भोज ने की थी | महल की रानी गनेश कुवर भगवान की प्रतिमा को अयोध्या से लेकर आयी थी | लेकिन भगवान श्री राम का चतुर्भुज मंदिर बनवाने से पहले भगवान की प्रतिमा को महल के रसोई में कुछ समय के लिए स्थापित कर दिया गया था | जिसके बाद भगवान् राम की मूर्ति अपने स्थान से हिली ही नही जिसको भगवान राम का चमत्कार मानते हुए महल व रसोई को ही मंदिर का रूप दे दिया गया | भगवान राम के मंदिर के लिए रानी ने बहुत कड़ी तपस्या की थी | जिसके अंत में रानी गनेश कुवर निराश होकर आत्महत्या करने के लिए वही ओरछा में स्थित जमुनी नदी यानि बेतवा नदी में कूद गयी थी | जिसके बाद रानी को पानी के अन्दर श्री राम के दर्शन प्राप्त हुए | दोस्तों आइये जानते है, इस मंदिर में सबसे धूम धाम से मनाये जाने वाले पर्व के बारे में |
यहाँ मनाया जाने वाला पर्व
ओरछा मंदिर में राम नवमी पर्व को बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है | इस पर्व के दिन ओरछा में देश विदेश से बहुत से लोग इस पर्व का हिस्सा बनाने के लिए यहाँ आते है | राम नवमी वाले दिन ओरछा मंदिर को बहुत ही सुन्दर तरीके से सजाया जाता है | लोगो की माने तो इस दिन भगवान के दर्शन करने से आपकी सभी मनोकामना पूर्ण हो जाती है | इसी कारण इस दिन लाखो लोग देश विदेश से भगवान के दर्शन के लिए आते है |
आस पास घुमने वाली जगह
ओरछा एक विशाल जगह है जहां मंदिर के साथ साथ किले व कई पर्यटक स्थल मौजूद है | जिनका अपना अलग ही इतिहास बना हुआ है | आप ओरछा मंदिर के बाद ओरछा किला, जहांगीर महल, राज महल, राय प्रवीन महल, लक्ष्मीनारायण मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, फूलबाग, व सुन्दर महल जैसी खुबसूरत जगह पर भी आप घूम सकते है |
रुकने की जगह
यदि आप बहुत दूर का सफर करके ओरछा घुमने के लिए आ रहे है | ओरछा में रुकने के लिए सोच रहे है | तो आपको चिंता करने की जरुरत नही है | ओरछा में कई प्रकार के होटल व रिसोर्ट मौजूद है | जिसमे आप आसानी से कई दिनों तक रुक कर इस जगह का आनंद ले सकते है |
मंदिर तक पहुँचने का तरीका
यह मंदिर मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के ओरछा नामक स्थान पर स्तिथ है | यह झाँसी शहर से बीस किलोमीटर की दुरी पर स्थित है | आप इस मंदिर के दर्शन के लिए भारत के किसी भी जगह से आ सकते है | आप इस मंदिर तक कई प्रकार से व कई जगह से पहुच सकते है | यदि आप झाँसी से आना चाहते है | तो आपको झाँसी स्टेशन से सबसे पहले बस स्टेंड आना पड़ेगा फिर उसके बाद बस स्टेंड से आप ओरछा मंदिर के लिए बस लेकर आसानी से मंदिर तक पहुच सकते है | झाँसी बस स्टेंड से ओरछा मंदिर की दुरी केवल बीस किलोमीटर ही है | यह मंदिर झाँसी-टीकमगढ़ मार्ग, टीकमगढ़ जिला, ओरछा, मध्य प्रदेश 472246 में स्थित है | यदि आप यहाँ फ्लाइट के द्वारा आना चाहते है | तो इस मंदिर के सबसे नजदीक खजुराहो एयरपोर्ट पर उतरकर आप बस या ट्रेन के माध्यम से भी इस जगह पर पहुच सकते है |