पौराणिक काल से ही हमारा देश पूजा और साधना के लिए जाना जाता है। प्राचीन काल से ही हिन्दू धर्म में मंदिरों का विशेष महत्व रहा है। यहां कई मंदिर ऐसे हैं, जहां विस्मयकारी चमत्कार भी लोगों को देखने को मिलता है। एक तरफ जहाँ आस्थावानों के लिए ये चमत्कार दैवी कृपा हैं, तो दूसरी ओर अन्य के लिए कौतूहल और आश्चर्य का विषय। हमारे देश में कई ऐसे मंदिर हैं जिसके रहस्य का पता आज भी कोई नहीं लगा पाया है। इस पोस्ट मैं आपको एक ऐसे ही भगवान शिव के रहस्य्मयी मंदिर के बारे में बताने जा रहा हूँ जहाँ शिवलिंग पर खुद माँ गंगा अपने हाथों से बारह मास 24 घंटे जलाभिषेक करती है।- टूटी झरना मंदिर की कथा
भगगवान शिव का रहस्यमयी मंदिर
भगगवान शिव का यह रहस्यमयी मंदिर झारखंड के रामगढ़ जिले में मौजूद है। यहाँ भगवान शंकर के शिवलिंग पर जलाभिषेक कोई और नहीं स्वयं मां गंगा करती हैं। मंदिर की खासियत यह है कि यहां जलाभिषेक साल के बारह महीने और चौबीस घंटे होता है। यह पूजा सदियों से चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि इस जगह का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है। भक्तों की आस्था है कि यहां पर मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। रामगढ़ जिले के इस रहस्यमयी मंदिर के बारे में जानने के बाद हर श्रद्धालु इस मंदिर में जरूर जाना चाहता है। और साथ ही भगवान के दर्शन करना चाहता है।
टूटी झरना मंदिर
झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर को लोग टूटी झरना मंदिर के नाम से जानते है। मंदिर का इतिहास 1925 से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है की 1925 में कुछ अंग्रेज अधिकारी इस इलाके में रेलवे लाइन बिछाने का काम कर रहे थे तब उन्होंने यह चमत्कार देखा। इस चमत्कार को देखकर वो हैरान रह गए। धीरे-धीरे यह बात दूर दूर तक प्रचलित होती गयी और दिनों दिन इस मंदिर में आने वाले श्रद्धलुओं की भीड़ बढती ही गयी। दरअसल अंग्रेज अधिकारी यहाँ पानी के लिए खुदाई का काम करवा रहे थे उसी दौरान उन्हें जमीन के अन्दर कुछ गुम्बदनुमा चीज दिखाई पड़ा। अंग्रेजों ने इस बात को जानने के लिए पूरी खुदाई करवाई और अंत में ये मंदिर पूरी तरह से नजर आया।
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खुदाई पूरी होने के बाद मंदिर के अन्दर भगवान भोले का शिव लिंग मिला और उसके ठीक ऊपर मां गंगा की सफेद रंग की प्रतिमा मिली। प्रतिमा के नाभी से अपने-आप जल निकलता रहता है जो उनके दोनों हाथों की हथेली से गुजरते हुए शिव लिंग पर गिरता है। मंदिर के अन्दर देवी गंगा की प्रतिमा से स्वंय पानी निकलना अपने आप में एक कौतुहल का विषय बना हुआ है। खुदाई के बाद से आज तक यह रहस्य बना हुआ है। इस रहस्य को जानने के लिए कई वैज्ञानिकों ने इसके ऊपर शोध भी किया और यह जानने की कोशिश की की आखिर इस पानी का श्रोत कहाँ है। लेकिन दर्शकों आज तक इस रहस्य को कोई भी सुलझाया नहीं पाया है।
रहस्यमयी हैंडपंप
इतना ही नहीं यहां लगाए गए दो हैंडपंप भी रहस्यों से घिरे हुए हैं। यहां लोगों को पानी के लिए हैंडपंप चलाने की जरूरत नहीं पड़ती है बल्कि इसमें से अपने-आप हमेशा पानी नीचे गिरता रहता है। वहीं मंदिर के पास से ही एक नदी गुजरती है जो सूखी हुई है लेकिन भीषण गर्मी में भी इन हैंडपंप से पानी लगातार निकलता रहता है। और किसी को आज तक पता नहीं चल पाया की आखिर इस जल का असली श्रोत है कहाँ।
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भगवान् शिव के इस रहस्य्मयी मंदिर में लोग दूर-दूर से यहां पूजा करने आते हैं और साल भर मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। श्रद्धालुओं का मानना हैं कि टूटी झरना मंदिर में जो कोई भक्त भगवान के इस अदभुत रूप के दर्शन कर लेता है उसकी मुराद पूरी हो जाती है। भक्त शिवलिंग पर गिरने वाले जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं और इसे अपने घर ले जाकर रख लेते हैं। भक्तों की माने तो इसे ग्रहण करने के साथ ही मन शांत हो जाता है और दुखों से लड़ने की ताकत मिल जाती है। इस घोर कलयुग में कोई भगवान को माने या ना माने लेकिन वह अपनी शक्ति और उपस्थिति का एहसास किसी न किसी रूप में करा ही देते हैं।जिसका साक्षात् उदहारण झारखण्ड हमें इस मंदिर में देखने को मिलता है।
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