भगवान शिव तो भोले हैं। इसी वजह से उन्हें भोलेनाथ के नाम से भी जाना जाता है। जो भी भक्त उनकी सच्ची श्रद्धा से पूजा करता है उस पर वो जल्द ही प्रसन्न हो जाते है। इस पोस्ट में आपको कुछ ऐसे मंत्रो के बारे में बताने जा रहे हैं जो जो सीधा भगवान शिव से भक्तों को जोड़ती है।
पंचाक्षरी शिवा मंत्र
ॐ नमः शिवाय
इसका अर्थ है कि ‘मैं भगवान शिव को नमन करता हूँ। ये शिव मंत्रो में सबसे प्रसिद्ध मंत्र है। शिवरात्रि के दिन इसका 108 बार जप करने से सभी पापो और कुप्रथाओ से मुक्ति मिलती है। इस मंत्र का सही उच्चारण शांत मानसिकता, आध्यात्मिकता का आह्वाहन कर आत्मा की शुद्धि करता है…
रूद्र मंत्र
ॐ नमो भगवते रुद्राय
इस मंत्र का अर्थ है कि ‘ मैं पवित्र रूद्र को नमन करता हूँ। इस मंत्र के जाप से आपकी सभी मनोकामनाओ की पूर्ति होती है। भगवान शिव का अपार आशीर्वाद आपके ऊपर बना रहता है। इस मंत्र को रूद्र मंत्र के जाप से भी जाना जाता है।
रूद्र गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात
अर्थात ॐ, मुझे अपना सारा ध्यान सर्वव्यापी भगवान शिव पर केंद्रित करने दो। मुझे ज्ञान का भंडार दो और मेरे हृदय में रूद्र रूपी प्रकाश भर दो। गायत्री मंत्र हिन्दू मंत्रो में सबसे शक्तशाली मंत्रो में से एक है। वैसे ही ये रूद्र गायत्री मंत्र भी बेहद शक्तिशाली है। जिसकी कृपा शिवरात्रि वाले दिन दोगुनी हो जाती है। इस मंत्र का जाप करने से मन की शांति और ज्ञान का अपार प्रकाश आपको स्थिर मानसिकता प्रदान करेगा।
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महा मृतुन्जय मंत्र
ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टि-वर्धनम उर्वारुकमिव बन्धनं मृत्योर्मुक्षीय मामृतात
अर्थात, ‘ॐ’ हम आपको मानते और आपकी पूजा करते है। ‘हे शिव’ आप खुशहाली और जीवन की सुगंध हो। जो हमारा संचालन करता है, हमें निरोगी काया प्रदान करता है। और हमे आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। जिस तरह ककड़ी का तना कमज़ोर होने से लोकि टूट कर बेल से मुक्त हो जाती है। उसी प्रकार हमे भी मृत्यु के भय से मुक्त कर अमरता का आशीर्वाद प्रदान करें। इस मंत्र का जाप तब किया जाता है जब किसी एकाएक अनहोनी का डर मन को विचलित करने लगता है। ऐसे में इसके जाप से आपको अनजान भय से मुक्ति मिलती है।. मन में शक्ति का आह्वाहन होता है। कई विद्वान इस मंत्र को शारीरिक, मानसिक और स्वास्थय के लिए बेहद फायदेमंद मानते है।
दारिद्र्य दहन स्तोत्रम
वशिष्ठेन कृतं स्तोत्रम सर्वरोग निवारणं, सर्वसंपर्काराम शीघ्रम पुत्रपौत्रादिवर्धनम
इस मंत्र का अर्थ है कि ‘ हमारे सभी रोगो से मुक्ति मिले। और स्मृति की प्राप्ति हो और एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे सके। इस मंत्र के जाप से आपको धन और अच्छे भविष्य की प्राप्ति होगी। ये बुराई, गरीबी और रोगो को दूर करने का मंत्र है। इस मंत्र के जाप से आपको और आपके बच्चो को रोगो से मुक्ति और घर में शांति बनी रहेगी।