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मंदोदरी की कथा – Story of mandodari

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रामायण में मंदोदरी ने एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। रावण की पत्नी मंदोदरी के बारे में जो बातें उल्लेखनीय है उससे मंदोदरी की छवि बहुत अच्छी और सकारात्मक प्रतीत होती है। लेकिन मंदोदरी सबसे काम चर्चित पात्रों में से एक है। इस पोस्ट में आप मंदोदरी के बारे में कुछ ऐसी बातें जानेंगे जो आपको पूरी तरह से चौंका देगी। इस पोस्ट में हम आपको मंदोदरी के जन्म से लेकर रावण की पत्नी बनने तक की बहुत सी बातें बताएँगे जो आपने शायद ही कभी पढ़ी होगीं।

मंदोदरी का पूर्वजन्म

पुराणों में एक बहुत ही रोचक कथा का उल्लेख है जिसके अनुसार मधुरा नाम की एक अप्सरा थी। जो एक बार कैलाश पर्वत पर पहुंची। उस समय वहां शिवजी के साथ माता पार्वती उपस्थित नहीं थी।पार्वती को वहां ना देखकर मधुरा शिवजी को आकर्षित करने का प्रयास करने लगी। इतनी देर में माता पार्वती वहां पहुँच गई। और उसकी ये गतिविधियां देखकर मधुरा को श्राप दिया की वह बारह साल तक मेंढक बन जाएगी। और इस अंतराल में वह एक कुएं में ही रहेगी। वो केवल कठोर तपस्या के बाद ही अपने वास्तविक रूप को प्राप्त कर सकेगी। मधुरा मेढक रूप में कठोर तप कराती रही।

मंदोदरी का जन्म

इसी समय ऋषि कश्यप और दिति पुत्र मयासुर और उसकी पत्नी हेमा जो एक अप्सरा थी एक पुत्री की प्राप्ति की इच्छा से तपस्या करने गए। और इसी बिच मधुरा की भी तपस्या पूर्ण हुईऔर वो अपने वास्तविक रूप में आई। वास्तविक रूप प्राप्त करने के बाद वो कुएं से आवाज देने लगी। मयासुर और हेमा उस आवाज को सुनकर मधुरा की सहायता करने पहुंचे। दोनों ने उसे बाहर निकाला और अपनी पुत्री के रूप में स्वीकार कर लिया। इस पुत्री का नाम उन्होंने मंदोदरी रखा।

मंदोदरी का विवाह

मंदोदरी के  विवाह योग्य होने पर उसका विवाह ऋषि विश्रवा और कैकसी का पुत्र रावण के साथ हुआ।  वह रावण की बुराइयों को अच्छी तरह से जानती थी। और उसे बुराई की राह पर ना चलने की सलाह भी देती थी। परन्तु रावण ने अहंकार के कारण मंदोदरी की बातों को पूरी तरह अनदेखा कर दिया था। उसने रावण को सीता को भगवान राम के पास वापस भेजने की सलाह भी दी थी। क्यूंकि वह जानती थी की रावण का यह कृत्य उसके विनाश का कारण बन सकता है। परन्तु रावण ने अंत में वही किया जो उसके प्रारब्ध में था।

रावण वध

लंका की महारानी अपने पति रावण के वध के बाद शोक में डूब गयी। युद्धभूमि में राम ने मंदोदरी को इस अवस्था में देख उसे याद दिलाया की वो अब भी लंका की महारानी और रावण की विधवा है। यह सुन मंदोदरी अपने महल में वापस चली गई। कुछ किवदंतियों के अनुसार कुछ समय पश्चात् मंदोदरी ने रावण के छोटे भाई से विवाह कर लिया था। परन्तु इस बात पर शंका व्यक्त की जाती है। क्योंकि मंदोदरी अपने पति रावण के लिए पूर्णतया समर्पित थी। पर ये भी कहा जाता है की वो अपने पति के शव के साथ सती हो गयी थी। 

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