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पक्षियों ने जब दिया ऋषि जैमिनी के प्रश्नों का जवाब

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नमस्कार पाठको महाभारत के पिछले अध्याय मेँ हमने आपको चार रहस्यमई पक्षियों की कथा बताई थी। जिसमे ऋषि जैमिनी की शंकाओ का निवारण करते हुए पक्षियों ने जैमिनी द्वारा पूछे गए 4 प्रश्नों का जवाब दिए थे।  क्या थे उन सवालों के जवाब… आज इस पोस्ट मेँ हम आपको बताएंगे…

जब ऋषि जैमिनी अपनी शंकाओ के समाधान के लिए विद्यांचल पर्वत पर पहुंचे। तब उन पक्षियों से ऋषि ने महाभारत की घटनाओ से जुड़े सवाल पूछे थे। ऋषि जैमिनी का पहला सवाल था।

पहला सवाल

इस जगत के कर्ता धर्ता भगवान ने मनुष्य का जन्म क्यों लिया था ?

इस पर पक्षियों ने बताया कि-द्वापर युग में बढ़ते राक्षसों के अत्याचार से दुखी धरती भगवान विष्णु के पास गयी। धरती की सारी बात सुन भगवान् विष्णु ने कहा।  पापियों के संहार के लिए जल्दी ही धरती पर मैं स्वयं मानव रूप में जन्म लूंगा। कुछ समय बाद भगवान विष्णु ने देवकी की कोख से श्री कृष्ण के रूप में जन्म लिया। भगवान कृष्ण ने अपनी लीला से कई राक्षसों का वध किया।अंत में कंस का वध करके मथुरा का सिंघासन वापस राजा उग्रसेन को सौंप दिया।भगवान कृष्ण ने महाभारत के युद्ध में पांडवो का साथ दिया। अधर्म का विनाश कर युधिष्ठिर को सिंघासन पर बैठाया।

दूसरा सवाल

राजा द्रुपद की पुत्री द्रौपदी पांच पतियों की पत्नी क्यों बनी?

इस पर पक्षियों ने उत्तर दिया – राजा द्रोपद की पुत्री द्रोपती 5 पतियों की पत्नी इसलिए बनी। क्योकि पिछले जन्म में द्रोपदी ने इन्द्रसेना नाम से जन्म लिया था। जिसका विवाह संत मौद्गल्य के साथ हुआ था। लेकिन पति की आकस्मिक मृत्यु के बाद इन्द्रसेना घबरा गयी और अकेला महसूस करने लगी। इसके बाद इन्द्रसेना भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तपस्या करने लगी। तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव इन्द्रसेना के सामने प्रकट हुए। शिव का रूप देख इन्द्रसेना घबरा गयी।  उसी घबराहट में वरदान को 5 बार मांग बैठी। जिसके कारण द्रोपदी को अगले जनम में 5 पतियों का साथ मिला।

तीसरा सवाल

ऋषि जैमिनी का तीसरा सवाल था कि -श्रीकृष्ण के भ्राता बलराम ने किस कारण तीर्थयात्राएं कीं ?

इसपर पक्षियों ने उत्तर दिया कि- महाभारत के युद्ध में बलराम ने श्रीकृष्ण को शामिल न होने के लिए  कई बार समझाया। क्योकि दुर्योधन और अर्जुन दोनों ही उनके मित्र थे। जिस वजह से वो दोनों के ही विरुद्ध नहीं जा सकते थे। पर इसका हल भी श्रीकृष्ण ने निकाल लिया था। उन्होंने दुर्योधन को अपनी सेना और श्री कृष्ण में चयन करने को कहा। दुर्योधन ने सेना को चुना और श्रीकृष्ण पांडवो के साथ हो गए। लेकिन बलराम को ये मंज़ूर नहीं था क्योकि वे कौरव और पांडवो को एक सामान मानते थे। वह दोनों को लड़ता नहीं देख सकते थे और इसलिए वे तीर्थयात्रा पर चले गए।

चौथा सवाल : ऋषि जैमिनी के प्रश्नों का जवाब

उन्होंने अपना चौथा सवाल पूछा कि – द्रौपदी के पांच  पुत्रों अथवा उपपांडवों की ऐसी जघन्य मृत्यु क्यों हुई।

इस पर पक्षियों ने ऋषि जैमिनी कि शंका को दूर करते हुए उत्तर दिया। एक बार ऋषि विश्वामित्र राजा हरिश्चंद्र की परीक्षा हेतु उन्हें हर प्रकार से प्रताड़ित कर रहे थे। इस बीच पांच विश्व देव ऋषि विश्वामित्र को बुरा भला कहने लगे।  इससे क्रोधित होकर विश्वामित्र ने पांचो को श्राप दिया की वे अगले जन्म मनुष्य योनि में लेंगे।  और न तो तुम्हे विवाह सुख मिलेगा ना ही तुम पूरा जीवन जी पाओगे। और मृत्यु के बाद तुरंत देवलोक चले जाओगे।

अपने सारे सवालों का जवाब पाकर ऋषि जैमिनी अत्यंत प्रसन्न हुए। उनके सभी व्यथाओं का निवारण हो चूका था। सभी सवालों के जवाब देकर चारो पक्षी मनुष्य योनि से मुक्त होकर देवलोक चले गए।

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